bhairav kavach - An Overview
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ॐ पातु नित्र्यां सिरसी पातु हृीं काँटादेशके
पातु शाकिनिका पुत्रः सैन्यं वै कालभैरवः ।
पूर्वस्यामसितांगो मां दिशि रक्षतु सर्वदा ।
सम्पूजकः शुचिस्नातः भक्तियुक्तः समाहितः ।
वामपार्श्वे समानीय शोभितां वर कामिनीम् ।।
श्रीवटुकभैरवो देवता बं बीजं ह्रीं शक्तिरापदुद्धारणायेति कीलकं
सत्यं भवति सान्निध्यं कवचस्तवनान्तरात् ॥ ५॥
ತಸ್ಮಾತ್ ಸರ್ವಪ್ರಯತ್ನೇನ ದುರ್ಲಭಂ ಪಾಪಚೇತಸಾಮ್
सर्वव्याधिविनिर्मुक्तः वैरिमध्ये विशेषतः ॥ २२॥
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संहारभैरवः पायादीशान्यां च महेश्वरः
आप नोकरी करते हो, व्यापार करते हो या किसी परीक्षा की तैयारी कर रहे हो, आईएस, आईपीएस, सिविल सर्विसेज आदि जैसी परीक्षा की तैयारी कर रहे हो, तो आपको अवश्य read more ही अपराजिता स्तोत्र और बटुक भैरव स्तोत्र का पाठ करके जाना चाहियें, इसके पाठ से समस्त भय दूर होता है, और आपको निश्चित ही पूर्ण सफलता मिलती है।